अजमेर को शिक्षा नगरी बनाने में आर्य समाज शिक्षा सभा का महत्वपूर्ण योगदान रहा और आर्य समाज शिक्षा सभा अजमेर के प्रयासों से दत्तातेय वाबले के नेतृत्व में दयानंद महाविद्यालय अजमेर की स्थापना की गई संस्थापक सदस्यों में श्री दत्तात्रेय वाबले के महत्वपूर्ण योगदान को भुलाया नहीं जा सकता दयानंद महाविद्यालय के स्थापना से लेकर वर्तमान तक शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हुआ है यह बात दयानंद महाविद्यालय के सभागार में मंगलवार को चित्रकला विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉक्टर राम जयसवाल ने कही संस्थापक के रूप में दत्ता थी बावले की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए डॉक्टर राम जयसवाल में दत्तात्रेय वादले के जीवन के अनेक प्रसंगों को बताया तो था जीवन के क्षेत्र में उन्हें अपनाने की बात कही इस अवसर पर महाविद्यालय के पूर्व अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष एसपी पिलानिया द्वारा आर्य समाज शिक्षा सभा अजमेर के इतिहास पर प्रकाश डाला गया महाविद्यालय के उपाचार्य डॉ मृत्युंजय कुमार सिंह मैं अपने संबोधन में बताया कि दयानंद महाविद्यालय के निर्माण से लेकर अपने कार्यकाल तक दत्तात्रेय बावले का अतुलनीय योगदान रहा है वर्तमान में दयानंद महाविद्यालय के अनेक छात्र भारत सरकार की महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर रहे हैं आर्य समाज अजमेर शिक्षा सभा का राजस्थान ही नहीं देश भर की शिक्षा जगत में अविस्मरणीय योगदान रहा है इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक और कर्मचारियों सहित विद्यार्थियों ने श्री दत्तात्रेय बादलों के चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया कार्यक्रम में महाविद्यालय के डॉ असगर अली डॉ रफीक मोहम्मद डॉ प्रीति सिंह डॉ महावीर प्रसाद डॉ वीके वर्मा डॉक्टर संतकुमार डॉक्टर अमृता तवर डॉ नूतन कुंपावत डॉ पूर्णिमा दाधीच डॉ रितु डॉक्टर आरके माथुर चैनसुख बेनीवाल मदन आर्य सहित अनेक प्राध्यापक उपस्थित थे