दयानन्द कॉलेज में महर्षि दयानन्द सरस्वती पर व्याख्यान"*
महर्षि दयानन्द सरस्वती की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन
दयानन्द कॉलेज एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद् राजस्थान की अजमेर इकाई के संयुक्त तत्वावधान में आज शिक्षाविद् एवं प्रख्यात संस्कृति चिन्तक हनुमान सिंह राठौड़ द्वारा लिखित महर्षि दयानन्द सरस्वती पुस्तक पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वन्दना के साथ हुआ। *प्राचार्य डॉ. लक्ष्मीकांत ने मुख्य वक्ता हनुमान सिंह राठौड़ एवं विशिष्ट अतिथि उमेश कुमार चौरसिया (क्षेत्रीय मंत्री, अखिल भारतीय साहित्य परिषद् राजस्थान)* का पुष्पगुच्छ, स्मृतिचिह्न एवं शॉल भेंट कर उनका स्वागत किया। उमेश चौरसिया ने पुस्तक की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए अथ से इति तक पुस्तक के विभिन्न उद्धरणों के माध्यम से सारगर्भित जानकारी प्रदान की। उन्होंने पुस्तक में वर्णित अनेक ऐसे प्रसंगों का उल्लेख किया जिनसे वर्तमान समाज में फैली भ्रान्तियों का समाधान हो सकता है। *मुख्य वक्ता के रूप में अपने उद्बोधन में हनुमान सिंह राठौड़* ने उपस्थित युवाओं को दयानन्द सरस्वती के द्वारा शिक्षा के माध्यम से किए गए सामाजिक नवोत्थान एवं जनजागरण की जानकारी दी। ऐतिहासिक प्रसंगों के माध्यम से उन्होंने डीएवी संस्था की स्थापना से लेकर राष्ट्र निर्माण में दयानन्द सरस्वती के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सनातन से लेकर वर्तमान तक युगानुकूल परिवर्तनों के दौर में प्रारब्ध एवं परिवेश के माध्यम से संस्कृति को अक्षुण्ण बनाए रखने का कार्य शिक्षा के माध्यम से ही हो सकता है। इस अवसर पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के कुलदीप सिंह रत्नू, विष्णु दत्त शर्मा, राजकुमारी, पुष्पा क्षेत्रपाल, पुष्पा कुसुम उपस्थित थे। महाविद्यालय के *उप प्राचार्य *डॉ. मृत्युंजय कुमार सिंह* दयानन्द सरस्वती पर विचार व्यक्त करते हुए सभी उपस्थित जनों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में डॉ. रफीक खान, डॉ. अनु शर्मा, डा. उन्नति, डॉ. कविता, डॉ. प्रदीप, भूपेंद्र जैसवाल, डॉ. प्रीति, डॉ. अमृता, डॉ. नूतन, डॉ. आशा सहित अन्य व्याख्याता उपस्थित थे। मंच संचालन *युवा विकास केन्द्र के भारत भूषण* ने किया।